Rajendra Kumar Biography Hindi Me : राजेंद्र कुमार एक ऐसा नाम है जिसे फिल्मों में जुबली कुमार (Jubilee Kumar) के नाम से हमेशा याद रखा जायेगा, एक ऐसा नाम जो फ़िल्मी दुनियां में सचमुच सितारे की तरह चमकता रहेगा। पर हम में से बहुत ही कम उनके बारे में जानते है की कैसे पीएचडी करने के बाद भी राजेंद्र कुमार फिल्मो में पहुंचे और नाम रोशन किया। आइये जानते है वायरल न्यूज़ क्लब (Viral News Club) के आज के इस लेख में फिल्मो के जुबली कुमार- राजेंद्र कुमार के बारे में:

राजेंद्र कुमार का शुरूआती जीवन :
Rajendra Kumar का जन्म 20 जुलाई 1929 को पंजाब के सियालकोट में हुआ, इनका परिवार का व्यवसाय करते थे। राजेंद्र कुमार के पिता टेक्सटाइल का व्यवसाय करते थे और दादाजी मिलिट्री कांट्रेक्टर हुआ करते थे। भारत देश आजाद होने के बाद इनके परिवार को दिल्ली आना पड़ा क्योंकि सियालकोट पाकिस्तान के अंतर्गत हो गया था।
फिल्मों का शौक :
Rajendra Kumar Biography Hindi Me : हालाँकि उस समय राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) ने PHD करि हुई थी और वो डॉक्टर कहलाते थे, डॉ राजेंद्र कुमार। लेकिन उनके दिमाग में फिल्मों का शौक जम कर चढ़ा था, हर वक्त उनके मन में सिर्फ फिल्मों में काम करने का जूनून रहता था और उसी शौक को पूरा करने वे आज के मुंबई पहुँच गए, लेकिन कैसे पहुंचे इसका भी मजेदार किस्सा बताया जाता है – राजेन्द्र कुमार ने मुंबई जाने के लिए अपनी पिताजी की दी हुई घड़ी को बेच करके 63 रूपये इकट्ठे किये, उस वक्त इतने पैसो की कद्र थी। इन में से राजेंद्र कुमार ने दिल्ली से बम्बई (आज का मुंबई) का टिकट 13 रूपये में ख़रीदा और हो गए अपने सपनो को पूरा करने मुम्बई रवाना। वहां पहुँच कर एक किराये के घर की व्यवस्था कर रहने लगे। लेकिन अभी आगे का सफर मुश्किल था।
मुंबई में मुश्किल भरी शुरुआत:
Rajendra Kumar Biography Hindi Me : राजेंद्र कुमार जी अभिनय करने का मौका इतना आसानी से कैसे मिल सकता था, आखिर मायानगरी जो ठहरी। पर वो कौन से हार मानाने वाले थे, उनकी पूरी कोशिश के बाद भी उन्हें फिल्मों में अभिनय का मौका नहीं मिला नहीं मिला लेकिन किस्मत ने साथ दिया और डायरेक्टर हरनाम सिंह रवैल ने उन्हें अपने साथ सहायक डायरेक्टर (assistant director ) बनने का मौका दिया जिसे Rajendra Kumar ने जाने नहीं दिया। अगले 5 सालो तक राजेंद्र कुमार जी ने असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में कई फिल्मों में काम किया है, उन्होंने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर पतंगा (1949 ), सगाई (1951), साकी (1952), शगूफा(1953 ), पॉकेट मार जैसी फिल्मों काम किया। उसके बाद उन्होंने डायरेक्टर केदार नाथ शर्मा की फिल्म जोगन में एक छोटा सा रोल किया, इस फिल्म में दिलीप कुमार और नरगिस मुख्य किरदार में थे जबकि फिल्म में राजेंद्र कुमार जी का रोल साइड का था लेकिन उनकी एक्टिंग को प्रोड्यूसर देवेंद्र गोयल ने जान लिया।
फिल्मो में शुरुआत :
Rajendra Kumar Biography Hindi Me : जब 1955 में देवेंद्र गोयल जी ने फिल्म ‘वचन’ तो इस फिल्म में राजेंद्र कुमार जी को एक अच्छा रोल दिया गया। इस फिल्म में गीता बाली, बलराज साहनी, मदन पुरी जैसे किरदार थे और यह राजेंद्र कुमार की पहली जुबली फिल्म थी जिसने 25 हफ्ते तक काम किया । इस फिल्म को करने के लिए राजेंद्र कुमार जी को 1500 रुपए मिले थे। उसके बाद 1957 में आई महबूब खान की फिल्म मदर इण्डिया, यह फिल्म सुपरहिट रही। इस फिल्म में Rajendra Kumar ने नरगिस के छोटे बेटे का रोले किया और सुनील दत्त ने बड़े बेटे का यानी मुख्य: रोल अभी तक नहीं मिला था।

सफलता का दौर :
Rajendra Kumar Biography Hindi Me : मदर इंडिया फिल्म में उनकी एक्टिंग मशहूर हुई और उनको 1959 में आई की फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ जिसमे उन्हें मुख्य: अभिनेता का रोल मिला और इस फिल्म के बाद उनको पीछे देखना नहीं पड़ा। इसके बाद राजेन्द्र कुमार ने कई लगातार बहुत सारी सफल फ़िल्में दीं जिसमे प्रमुख फिल्मे 1959 में आई ‘धूल का फूल’, 1963 में दिल एक मंदिर, संगम, आरज़ू , सूरज और तलाश थी। Rajendra Kumar उस वक्त इतने सफल थे की एक समय में 5-6 फिल्में जुबली मना रही होती थी यानी 25 हफ़्ते सिनेमाघर में चल रही होती थी। उनके किसी फिल्म में होना ही फिल्म का सफल माना जाने लगा और उन्हें “Jubilee Kumar” के नाम से जाना जाने लगा, ये नाम ही उनकी सफ़लता की कहानी बता देता है। अपनी फ़िल्मी सफर में उन्होंने 80 से ज्यादा फिल्मे अभिनीत की जिसमे 35 से ज़्यादा फिल्मों ने सिल्वर जुबली मनाई।

राजेंद्र कुमार के जीवन में विशेष पल :
- राजेंद्र कुमार को ‘कानून’ और ‘मेहंदी रंग लाग्यो’ के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
- Jubilee Kumar को 1964, 1965 और 1966 में लगातार फिल्मफेयर में बेस्ट एक्टर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन मिला
- राजेंद्र कुमार को 1969 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
- 1970 के बाद राजेंद्र कुमार का रंग फीका पड़ने लगा, या यूँ कहे की उनका सुनहरा कॅरियर धीमा पड़ने लग गया, क्योंकि उस वक्त राजेश खन्ना का रंग जमने लग गया था।
- राजेंद्र कुमार ने अपने बेटे कुमार गौरव को लेकर “लव स्टोरी’ से फ़िल्मी दुनियां में प्रवेश कराया फिल्म सुपर हिट गयी पर उसके बाद कुमार गौरव कुछ खास नहीं कर पाए।
राजेंद्र कुमार (जुबली कुमार) की कुछ प्रमुख फिल्मे :
SN | Rajendra Kumar Film Name | Release Year |
1 | Mother India | 1957 |
2 | Chirag kaha Roshani kaha | 1959 |
3 | Dhool ka Phool | 1959 |
4 | Gunj Uthi Shehnai | 1959 |
5 | Kanoon | 1960 |
6 | Zindagi aur khwab | 1961 |
7 | Gharana | 1961 |
8 | Aash ka Panchhi | 1961 |
9 | Sasural | 1961 |
10 | Hamrahi | 1963 |
11 | Mere Mehboob | 1963 |
12 | Dil ek Mandir | 1963 |
13 | Gehra Daag | 1963 |
14 | Sangam | 1964 |
15 | Aayi milan ki Bela | 1964 |
16 | Zindagi | 1964 |
17 | Arzoo | 1965 |
18 | Suraj | 1966 |
19 | Saathi | 1968 |
20 | Talash | 1969 |
21 | Anjaana | 1969 |
22 | Shatranj | 1969 |
23 | Geet | 1970 |
24 | Dharati | 1970 |
25 | Ganwaar | 1970 |
26 | Aap aaye Bahar Aayi | 1971 |
27 | Gaao hamara Shahar Tumhara | 1972 |
28 | Gora aur Kala | 1972 |
29 | Tangewala | 1972 |
30 | Lalkar | 1972 |
आखिरी कठिन समय :
राजेंद्र कुमार के जीवन का आखिरी वक्त काफी मुश्किल भरा रहा, कैंसर होने से ये सितारा 12 जुलाई 1999 को दुनिया को अलविदा कह दिया. 71 साल के उम्र में उनका दिल का दौरा पड़ने से देहांत हुआ। Viral News Club फिल्मों के इस महानायक को नमन करता है।
निष्कर्ष :
राजेंद्र कुमार ने अपनी जिदगी में एक कठिन समय के साथ शुरुआत करी और अपने जुझारू समय में भी हार नहीं मानी. अंतत उन्होंने जुबली कुमार का नाम हासिल कर, वो मुकाम हासिल पाया जिसे शायद कोई और अभिनेता कभी हासिल नहीं कर पायेगा.
Rajendra Kumar Biography Hindi Me FAQ :
Que : राजेंद्र कुमार को किस नाम से जानते थे ?
Ans : जुबली कुमार राजेन्द्र कुमार का दूसरा नाम था.
Que : राजेन्द्र कुमार की मृत्यु कब हुई ?
Ans : 12 जुलाई 1999 के दिन
Que : राजेंद्र कुमार को मुख्य अवार्ड कौन से मिले
Ans : पद्म श्री, नेशनल अवॉर्ड और भी अन्य अवार्ड मिले.
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