SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH | सूर्य किरण चिकित्सा : अद्भुत लाभकारी |

SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH : पृथ्वी पर मिट्टी न हो ऐसा हम सपने में भी नहीं सोच सकते और मिट्टी जहाँ नहीं होती वहां पहाड़, पत्थर, पानी मिलते है, यानी खेती नहीं हो सकती। मिट्टी में खेती के लिए सूर्य की गर्मी यानी किरणे बहुत कार्य करती है क्योंकि सूर्य किरणों से खेत की मिट्टी बहुत तपती है। मिट्टी पर जब सूरज की रोशनी पड़ती है, तो वह गर्म हो जाती है। अगर सूर्य की गर्मी न होतो  मिट्टी गर्म ना हो और इस कारण बारिश होने पर बीज बोने से भी फसल नहीं उगेगी। फसल उगने का कारण है सूर्य की किरणे है जो मिट्टी को गर्म करती है। इससे उस मिट्टी में जान फूंक जाती है यानी उर्वरा शक्ति बढ़ती है। फिर बारिश होती है और फसल उगती है।

इसी तरह हमारा मनुष्य शरीर भी मिट्टी ही है, सूर्य किरणों से तपने पर इसमें जान आ जाती है। इसलिए रोज सूर्य किरणों का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ा स्वास्थ्यप्रद होता है और उसके बहुत सारे फायदे भी है। वही सूर्य किरणों से दूरी के नुकसान भी है और इसके बारे में National Instutitute of Health (NIH) की रिपोर्ट भी आप पढ़ सकते है. इसी सूर्य किरणों के लाभ को लेकर हम आज अपना लेख ‘SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH’ लेकर आये है जिसमे इससे जुडी जानकारियां आपको बतायेंगे की  सूर्य किरण चिकित्सा के लाभ क्या क्या है। तो आइये Viral News Club का आज का लेख ’सूर्य किरण चिकित्सा के लाभ’ :

SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH
SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH

सूर्य किरणों का लाभ :

हम सभी जानते है की मनुष्य शरीर एक तरह से मिट्टी ही है और जिस तरह मिट्टी पर सूर्य किरणे अपने  प्रभाव से उसकी उर्वरा शक्ति बढाकर फसल उगाने में सहायता करती है उसी तरह मनुष्य शरीर के लिए ये जीवनदायिनी होती है, प्राणदायक होती है।

रोजाना एक से डेढ़ घंटे तक खुले शरीर पर सूर्य किरणों का लाभ लेना चाहिए, इससे शरीर में प्राण वायु का संचार होता है। संस्कृत में सूर्य का एक अर्थ ‘मित्र’ भी है

सूर्य किरणों क्यों जरुरी है ?

आजकल भाग दौड़ की इस जिंदगी में शरीर पर किसी का ध्यान नहीं जाता। हर कोई जल्दबाजी में है और इसी में हर इंसान भूल जाता है की शरीर का ध्यान भी रखना कही ज्यादा जरुरी है। हमारे शरीर को हम हमेशा ढक कर रखते है जैसे किसी किताब पर जिल्द चढ़ा हुआ हो। शरीर को प्राकृतिक रहने देते ही नहीं, लज्जा हेतु जरुर कुछ वस्त्र पहनने जरुरी है परन्तु समय समय पर शरीर को प्रकृति की सूर्य किरणों से चार्ज करना भी जरुरी है। अगर हम ऐसा नहीं करते यानी सूर्य की रोशनी का लाभ नहीं लेते तो नुकसान जैसे शरीर कमजोर, नाजुक, निस्तेज और आलसी हो जायेगा।

सूर्य किरणों का स्नान यानी सन बाथ :

प्रातकाल उठकर सूर्योदय के दर्शन कर हम आरोग्य लाभ ले सकते है उसके अलावा हम सूर्य किरणों स्नान करके भी शरीर के लिए जरुरी पोषक तत्व प्राप्त कर सकते है. आजकल सन बाथ की परम्परा शुरू हो चुकी है वह वेदों में वर्णित सूर्य किरण स्नान ही है. सन बाथ के लिए सिर्फ जरुरी वस्त्र पहनकर सूर्य के सामने रहा जाता है जिससे पुरे शरीर को सूर्य किरणों का लाभ मिल सके.

पुराणों में सूर्य के महत्व का वर्णन:

वेदों और पुराणों में ऋषि मुनियों ने सूर्य को देव रूप में माना है। प्रातकाल सूर्य दर्शन करके सूर्य को जल देना वर्णित है। इससे आरोग्य लाभ के अलावा मानसिक विकास भी होता है। विभिन्न कथाओ के माध्यम से सूर्य के महत्वको बताया गया है. वेदों में एक कथा के विवरण में भक्त भगवान से कहता है की ‘हे भगवान! आप मुझे बहुत अच्छे लगते है इतने अच्छे जैसे किसी जर्जर बूढ़े शरीर को वस्त्र अच्छे लगते है’। यानी वस्त्रो का प्रेम बुढ़ापे का लक्षण ही है। शरीर को ढक कर हम शरीर को कमजोर ही तो बनाते है।

सूर्य की भगवान रूप में पूजा:

वेदों और पुराणों में सूर्य को देव रूप में माना गया है यानी उन्हें भगवान माना गया है। “वैद्यो नारायणों हरि: “ यानी इस वाक्य में सूर्य नारायण भगवान की ओर भी संकेत है। सूर्य को भगवान रूप में पूजे जाने के कारण में प्रमुख कारण उनकी किरणों द्वारा संसार में प्राण वायु का संचार करना ही है। इस संसार की सूर्य की रोशनी के बिना कल्पना करना भी मुश्किल है और असंभव भी। इसलिए सूर्य किरणों के महत्त्व को समझे और यथासंभव उसका लाभ उठाया जाना चाहिए।

सूर्य किरण विटामिन डी के श्रोत :

शरीर को खुला रखने के लिए वेदों के अलावा विज्ञानं भी समर्थन करता है। वैसे भी हमारा मानना है की विज्ञानं ने सनातन धर्म की हर बात को स्वीकार किया है, चाहे देर से ही सही, किसी भी बात को जानने में बिज्ञान ही पीछे रहा है, सनातन धर्म ने तो लोक कल्याण के लिए कब से ही बता रखा है। वेदों में शरीर को खुले रखने की मंसा यही है की उससे शरीर को भरपूर पोषण मिलता है जिसे हम आज विज्ञानं में विटामिन डी की पूर्ति कहते है।

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SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH VITAMIN D

अल्ट्रावायलेट रेज़ यानी सूर्य की बाल किरणे:

सूर्योदय के समय जो सहती से किरणे होती है उन्हें सूर्योदय की बाल किरणे कहते है, इनके बहुत से लाभ है। सनातन धर्म से प्रातकाल सूर्योदय के समय सूर्य को अधर्य देने की परम्परा इससे भी जुडी है। यह नेत्रों के लिए लाभकारी होती है।

पाचन शक्ति बढ़ाने में सूर्य किरणे मददगार:

सूर्य किरणों के कारण खाना जल्दी पचता है। इसलिए वेदों में निर्देश दिए गये है की दिन में भारी भोजन करे जबकि रात्रि समय में एकदम हल्का भोजन करे। रात्रि में सूर्यास्त के बाद भोजन देरी से पचता है इसलिए हल्का आहार सही रहता है। उसी तरह जब वर्षाकाल होता है तब भूख कम लगती है, यानी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।

सूर्योदय की किरणों का लाभ :

सूर्योदय की किरणे बहुत लाभकारी होती है इसलिए वेदों में इसके लिए कुछ नियम भी निर्धारित किये हुए है जैसे सूर्योदय से पहले उठाना, सूर्य नमस्कार, सूर्योदय दर्शन करना।

सूर्य नमस्कार पूर्ण व्यायाम है जिसे करने से शरीर निरोगी बनता है और उपासना भी हो जाती है जिससे मन और बुद्धि का भी भरपूर विकास होता है। यानी शारीरिक और मानसिक दोनों लाभ मिलते है। शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है।

SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH
SUNLIGHT BENEFIT FOR HEALTH: SURYA NAMSKAR

पंचतत्व में सूर्य का महत्व :

हमारा शरीर पंचतत्व से बना है जिसमे आकाश, जल, वायु, मिट्टी, अग्नि का समावेश होता है। इनका संतुलन शरीर को कार्यवत रखता है।आकाश तत्व से अजीर्ण नहीं होता। वायु से शरीर को पोषण मिलता है, और सूर्य किरणे पाचन क्रिया में मदद करती है और बीमारियों से दूर रखती है। इसलिए मनुष्य शरीर के लिए वायु, प्रकाश और जल की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। इसी के संतुलन से शरीर निरोगी बनता है।

निष्कर्ष :

सूर्य किरणों से दूर रहना बड़ा आसान है, सूर्य की रोशनी से भागने के लिए सिर्फ एक कमरे की या कुछ कपड़ो की जरुरत पड़ती है। जबकि इसका लाभ बड़ी आसानी से उठाया जा सकता है। सूर्य किरणे शरीर के लिए औषधि का काम करती है जो निरोगी रखती है। आज के भाग दौड़ की जिंदगी में हम कुछ समय सूर्य किरण चिकित्सा करके उसके भरपूर लाभ उठा सकते है जिससे हमारा शरीर निरोगी हो सकता है। शरीर पांच तत्वों से बना है और इसे प्रकृति से दूर ना रख कर, प्रकृति के साथ बनाये रखने में मनुष्य शरीर की भलाई है।

Que: सूर्य का अर्थ संस्कृत में क्या है ?

Ans: संस्कृत में सूर्य का एक अर्थ ‘मित्र’ भी है

Que: शरीर को ढकने से क्या होता है ?

Ans: शरीर को ढक कर हम शरीर को कमजोर ही तो बनाते है।

Que: मनुष्य शरीर किससे बना है?

Ans: हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है।

Que: सूर्य नमस्कार क्या है?

Ans: सूर्य नमस्कार एक पूर्ण व्यायाम और उपासना है।

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