NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT | नवरात्री 2023 कलश स्थापना मुहूर्त | नवरात्री घट स्थापना महूर्त, नवरात्री पूजन सामग्री और पूजन विधि

NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT : शारदीय नवरात्रि वर्ष में आने वाले चार नवरात्रि में सबसे ज्यादा प्रचलित और महत्वपूर्ण भी है। इसी कारण शारदीय नवरात्रि को महानवरात्रि भी कहा जाता है। शरद ऋतू के आगमन के साथ शुरू होने के कारण शारदीय नवरात्रि भी कहते है और ये नवरात्रि आश्विन मास में शुरू होते है। नवरात्रि के नौ दिन में माँ दुर्गा के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है। (माँ के नौ रूप के बारे में पढ़े : यहाँ ) तो आइये जानते है नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा कैसे की जाए और कौन सा शुभ मुहूर्त है जिसमे kalash स्थापना की जाए . 

NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT
NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT

 

शारदीय नवरात्रि 2023 मुहूर्त:

NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT : इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे है और 24 अक्टूबर को समापन होंगे। नवरात्रि के प्रथम दिन घट स्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है जो की एक शुभ मुहूर्त में स्थापित की जाती है। इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त का समय प्रातः 11 बजकर 44 से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। यह मुहूर्त अभिजित मुहूर्त के नाम से जाना जाता है और अत्यंत शुभ है।

घट स्थापना : कलश स्थापना तिथि :  15 अक्टूबर 2023

शुभ मुहूर्त  :  प्रातः 1144 से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक (अभिजित मुहूर्त काल )

कलश स्थापना के नियम:

वैसे हिन्दू धर्म में सभी मांगलिक कार्यो में कलश स्थापना की जाती है और नवरात्रि पूजा में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। वास्तु विशेषज्ञ महेश सारस्वत ने बताया की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब कलश स्थापना की जाती है तो उसके ऊपरी भाग में भगवान बिष्णु, मध्य भाग में महादेव और मूल भाग में ब्रह्मा जी का वास होता है। अत: पूजन में कलश को हमारे देवी-देवताओ का वास मानकर स्थापित और पूजन किया जाना चाहिए।

कलश स्थापना शुभ अभिजित मुहूर्त में करनी है यानी प्रातः 11.44 से लेकर 12 बजकर 30 मिनट से पहले

NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT
कलश स्थापना

कलश स्थापना की पूजन सामग्री:

  • कलश
  • स्वच्छ जल (हो सके तो थोडा गंगाजल भी ले ले)
  • अक्षत (चावल)
  • अशोक के पत्ते अथवा आम के पत्ते
  • श्री फल यानी नारियल जटायुक्त
  • सात प्रकार के धान (जितने हो सके)
  • सुपारी
  • पुष्प, दूर्वा
  • लाल कपड़ा
  • रोली

जवार बोने के लिए सामग्री:

सुख: समृद्धि के प्रतिक जवार (जौ अथवा गेहू) बोने की मान्यता कई जगहों पर है, इसके लिए सामग्री:

  • मिट्टी का बर्तन
  • स्वच्छ  मिट्टी
  • जौ
  • साफ जल
  • और कलावा (मोली)
NAVRATRI KALASH STHAPANA MUHURAT
सुख: समृद्धि के प्रतिक जवार

नवरात्रि पूजन कैसे करे :

NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT : नवरात्रि पूजन अगर आप किसी योग्य ब्राहमण से करा रहे है तो अति उत्तम है, अगर आप स्वयं कर रहे है तो निम्न सरल तरीके से करे। पूजा करते समय मन ही माँ का जाप करते रहे।

  • नवरात्रि पूजन में प्रयोग में ली जाने वाली सामग्री एक दिन पहले इकट्ठी कर ले।
  • पूजा स्थान को साफ़ सुथरा कर ले।
  • पूजा स्थान में निचे लाल वस्त्र बिछाए।
  • उपयुक्त स्थान पर माँ दुर्गा की फोटो अथवा मूर्ति रखे, ये फोटो अथवा मूर्ति माँ के चार भुजाओ वाली होनी चाहिए।
  • अब कलश स्थापना करे। कलश स्थापना में जल डालते समय सभी पवित्र नदियों और माँ गंगा का आह्वान करे और कलश पर स्वस्तिक बनाकर श्री फल रखे, कलश स्थापना की समस्त सामग्री अक्षत, सुपारी, दूर्वा कलश में डाले। अशोक के पत्ते कलश पर ऊपर चारो तरफ लगाये।
  • श्रीफल रखते समय भगवन गणेश का ध्यान करे।
  • उसके बाद मिट्टी के बर्तन में, थोडा खाली रख कर मिट्टी डाले और जवार बोएं ऊपर से थोड़ी मिट्टी डालकर इसमें स्वच्छ जल डाल देवे, इस मिट्टी के पात्र के चारो और मोली बाँध दे और रोली से पूजा करे।
  • उसके बाद माँ दुर्गा की पूजा करे। मन ही मन माँ के नाम का जप करते हुए माँ के पुष्प, अक्षत, रोली, मोली इत्यादि से पूजा करे।
NAVRATRI KALASH STHAPANA MUHURAT
नवरात्रि पूजन सामग्री

नवरात्रि के नौ दिन का प्रसाद:

NAVRATRI 2023 KALASH STHAPANA MUHURAT : नवरात्रि पूजा में माँ समर्पण भावना से की हुई पूजा से ही प्रसन्न हो जाती है फिर भी इन नौ दिनों में संभव हो तो निम्न दिए हुए तरीके से प्रसाद चढ़ाये तो माँ अति प्रसन्न होती है :

  • प्रथम दिन : पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है, इस दिन ‘प्रसाद में घी’ चढ़ाये, इससे रोग मुक्ती होती है धन धान्य प्राप्त होता है।
  • दुसरे दिन : नवरात्रि के दुसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी को ‘चीनी’ का भोग चढ़ाये, इससे दीर्घजीवी होने का आशीर्वाद मिलता है।
  • तीसरे दिन : नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा को ‘दूध’ का भोग लगाये, सभी दु:खो से मुक्ति मिलती है।
  • चतुर्थ दिन : चतुर्थ दिन माँ कुष्मांडा को मालपुए का प्रसाद चढाने से समस्त परेशानी से मुक्ति मिलती है।
  • पांचवा दिन : नवरात्रि के पांचवे दिन माँ स्कन्दमाता के केले का भोग लगाकर उसे दान कर देना चाहिए जिससे व्यक्ति की समृद्धि होती है।
  • पष्ठम दिन : छठे दिन कात्यायनी माँ के शहद का प्रसाद अर्पित करना चाहिए, जिससे सुन्दरता मिलती है।
  • सप्तम दिन : माँ कालरात्रि के गुड का प्रसाद लगाये जिससे माँ समस्त भय से मुक्ति प्रदान करती है।
  • अष्टम दिन : नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी को श्री फल का प्रसाद लगाये। माँ प्रसन्न होकर सभी सुख प्रदान करती है।
  • नवम दिन: नवरात्रि के नौवे दिन माँ सिद्धिदात्री धान के लावे का भोग लगाये जिससे माँ सिद्धिदात्री सभी लोक परलोक के सुख प्रदान करती है।

इस प्रकार संसार के समस्त सुख, धन धान्य और वैभव को प्रदान करने वाले माता के नवरात्री में पूजा कैसे की जाती है, कलश स्थापना कैसे की जाती है और नवरात्री में पूजन सामग्री क्या और कैसे काम में ली जाती है, आपको इस लेख से हमने बताने की कोशिश करी है. जय माता दी के साथ नवरात्री के शुभकामनायें.

निष्कर्ष : नवरात्री माँ दुर्गा यानी शक्ति का त्यौहार है और इस तरह नवरात्रि पूजा करके हम समस्त सुख, धन धान्य और वैभव को प्राप्त कर सकते है .

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