YOGA TYPES AND BENEFITS | योग क्या है? योग की उत्पत्ति, योग के प्रकार, योग के लाभ

YOGA TYPES AND BENEFITS : आज के वातावरण में हर मनुष्य के जीवन में तनाव रहता है, किसी को अपने कार्य से सम्बंधित तनाव है तो किसी को घर सम्बंधित. हर मनुष्य की जिंदगी में तनाव, थकान बढ़ता जा रहा है और इसी तनाव की वजह से उसके शरीर में बिमारियों का जन्म होता है. जब बीमारियाँ होती है तो उसे चिकित्सक से दवाइयां नियमित तौर पर शुरू हो जाती है जिसका कोई अंत नहीं होता. ऐसे समय में ‘योग’ ही एक ऐसा रास्ता होता है जिसमे इंसान अपने आपको इस तनाव से मुक्त कर सकता है और  रोग मुक्त जीवन की तरफ बढ़ सकता है. आज का हमारा लेख में इस उपयोगी विषय ‘योग’ पर आधारित है की योग क्या है और इसके लाभ क्या है. तो आइये जानते है VIRAL NEWS CLUB के आज के इस उपयोगी लेख में योग के बारे में :

YOGA TYPES AND BENEFITS
YOGA TYPES AND BENEFITS

 

योग क्या है ?

YOGA TYPES AND BENEFITS : योग का अर्थ है जुड़ना या बांधना जो की संस्कृत के शब्द ‘युज’ से आया है। सरल शब्दों में कहे तो स्वयं को वर्तमान यानी आज के अनुभव और सामर्थ्य से अधिक जो भी है उससे जोड़ना। अनंत ज्ञान, अनंत लोको, अनंत पद्धतियों से से जुड़ने की, जानने की और सामर्थ्यवान बनने की प्रक्रिया को ‘योग’ है। और इन प्रक्रिया के कारण ही योग शब्द का प्रयोग अनेक अर्थ में होता है जो की सामान्यत: आजकल निम्न रूप से प्रचलित है:

आसन : इस क्रिया में शरीर के विभिन्न अंगो को मोड़ना, विभिन्न अंगो को नियंत्रित करना और अंग-प्रत्यंगो को मजबुत करना होता है।

प्राणायाम : योग की इस प्रक्रिया में श्वास पर नियंत्रण करने की प्रक्रिया होती है जैसे श्वास को खींचना, श्वास को रोकना और श्वास को छोड़ना।

प्रत्याहार : शरीर स्थित चेतना से सुपरिचित होने, उसे नियंत्रित करने की प्रक्रिया इस में की जाती है।

धारणा : किसी आलंबन अथवा आश्रय पर मन को स्थिर, एकाग्र और नियंत्रित करने का अभ्यास करना इस क्रिया में किया जाता है।

ध्यान : यह क्रिया अपने आंतरिक मन और सृष्टि के अंतर यानी सम्बन्धो, मन के विविध स्तरों एवं गतिविधियों का ज्ञान, मानवीय चेतना के साथ जुड़ने और अलग होने की प्रक्रिया का ज्ञान देती है। ये ऐसी प्रक्रिया है जिसमे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का ज्ञान का अनुभव मिलता है।

समाधी: जब उपरोक्त सभी क्रियाएं होती है तो उसी के परिणाम स्वरुप इस क्रिया या यूँ कहे स्थिति आती है जिसे समाधी कहा जाता है.

योग की कितनी प्रणालियाँ है ?

YOGA TYPES AND BENEFITS : योग में अनेक प्रणालियाँ है जिन्हे हठयोग, ध्यानयोग, जपयोग, आदि के नाम से जाना जाता है. इनमे से प्रमुख निम्न है :

हठयोग : हठयोग में प्रमुख: रूप से आसान और प्राणायाम दोनों को किया जाता है, जिसके साथ धारणा, ज्ञान आदि का साथ लिया जाता है। इसके अभ्यास से प्रमुख रूप से शारीरिक स्वास्थय आदि का लाभ मिलता है।

ध्यान योग : जैसा नाम से विदित है, इस योग में ध्यान और धारणा का अभ्यास होता है जबकि आसान, प्राणायाम, मुद्रा, जप, आदि की सहायता ली जाती है। इस योग के करने से मानसिक मजबूती मिलती है और मानसिक सम्बंधित रोग ठीक होते है।

जपयोग: जपयोग में किसी मन्त्र को जपा जाता है और यही प्रमुख होता है। अन्य क्रियाओं का जैसे आसान, प्राणायाम आदि का सहयोग लिया जाता है। इस योग से मानसिक एकाग्रता, मन की शांति मिलती है।

भक्तियोग: इस योग में समर्पण और विश्वास की जरुरत पड़ती है जो की किसी भी देवता के प्रति होता है। इस योग में जिस देवता के प्रति विश्वास होता है उसके प्रति समर्पित होने को प्रधानता दी जाती है. इससे मन की भावना दृढ होने के साथ अनेक लाभ मिलते है.

लय योग: इस योग में किसी आलंबन या आश्रय को मन में समा लेना प्रधान होता है बाकी सभी क्रियाएं सहयोगी होती है। इससे उच्च साधना में सहायता मिलती है और आध्यात्मिक सामर्थ्य प्रबल होता है।

राजयोग: जीवन की सर्वांगीण साधना राजयोग होती है। इसमें अनेकानेक लाभ मिलते है।

कुंडलिनी योग : अपनी चेतना को जननांगो के पीछे के स्थान से ऊपर मस्तिष्क के केंद्र तक, रोम रोम में विस्तृत क्षेत्र से विराट चेतना तक समेटने तथा फ़ैलाने की साधना कुंडलिनी योग के नाम से जानी जाती है। इस योग में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की सरंचना और आनंद की अधिकतम और जहनतम अवस्था का अनुभव प्राप्त होता है।

नादयोग : इस योग में ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करने, ध्वनि को होश के साथ सुनने या उच्चारण के रूप में तादात्म्य स्थापित करने आदि की विविधता प्रमुख रूप से सिखाई जाती है. इससे अनेकानेक लाभ जैसे मन की शांति, माँ की एकाग्रता, संगीत के रहस्य का ज्ञान, स्मृति लाभ मिलते है।

कर्मयोग : कार्यो को कुशलता पूर्वक करना एयर निष्काम भाव से कर्म करना भी कर्मयोग होता है। इसमें सांसारिक कर्मों के साथ योग के उच्च अभ्यासों को करना और लाभ हानि की सोच से दूर रह कर जीवन सुखमय करने का तरीका सीखा जाता है

सहजयोग : इसमें योग साधक को परिस्थिति अनुसार सुविधा और सरल रास्ता बताया जाता है।
इस प्रकार हमने जाना की योग की अनेक विधियां होती है जिसका वास्तविक ज्ञान अनुभव के आधार पर किया जा सकता है।

योग के फ़ायदे :

YOGA TYPES AND BENEFITS : योग करने के ढेरों फायदे है जो की हमारे शरीर को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद करते है. विभिन्न प्रकार के योग को अपना कर हम अपनी जरुरत के अनुसार लाभ ले सकते है. योग के इन्ही फायदों से आज पूरी दुनियां का झुकाव इसकी तरफ हो रहा है, आइये जानते है इनमें से कुछ प्रमुख फायदों के बारे में :

योग वजन कम करता है : नियमित योगाभ्यास से वजन कम करने में सहायता मिलती है. नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम और सूर्य नमस्कार करके शरीर के वजन को कम किया जा सकता है।

रक्त संचार सही करने में : नियमित योग से शरीर की रक्त संचार प्रणाली सही और स्वस्थ होती है। अनियमित रक्त प्रणाली से हृदय, लिवर, मस्तिष्क समबन्धी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में योग द्वारा रक्त प्रवाह सही करके इन बिमारियों को पहले ही रोका जा सकता है।

शरीर का तापमान नियंत्रित करता है : योग से शरीर का तापमान नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

श्वसन प्रणाली में कारगर : प्रणायाम इत्यादि करके प्रत्यक्ष महसूस किया जा सकता है की योग श्वसन प्रणाली सही करने में बहुत ज्यादा सहायक है। योग के निरंतर अभ्यास से फेंफड़े अपनी पूरी कार्य क्षमता से काम करने लगते है।

पेट सम्बंधित समस्याओं से मुक्ति : आजकल अनियमित खानपान से गैस, एसिडिटी, कब्ज होना एक सामान्य समस्या हो गई है और योग से पाचन तंत्र सही करके गैस, कब्ज और एसिडिटी रोग का जड़ से इलाज किया जा सकता है।

अनेक दर्द से छुटकारा : मनुष्य शरीर में कई प्रकार के दर्द हो सकते है इनमे से कुछ नियमित तौर पर और कुछ यदा कदा होने वाले होते है जैसे जोड़ो का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, कमर दर्द इत्यादि। ऐसे दर्द में रोजाना योगासन और प्राणायाम के अभ्यास से बहुत लाभ मिलता है। सही और अच्छे से योगाभ्यास के जरिये ऐसे दर्द से निश्चित लाभ मिलता है।

पाचन शक्ति सुदृढ़ करता है : योग आसनो के अभ्यास से पहचान शक्ति मजबूत बनती है और पाचन शक्ति, लिवर और किडनी मजबूत होती है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में सहायक : लगातार सही योगाभ्यास से रक्त प्रवाह सही और बेहतर होता है जिसके कारण रक्त अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं हो पाती जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है।

नई ऊर्जा का संचार : जब योग किया जाता है तो शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है जिससे चेहरे पर एक चमक से आ जाती है। इससे उम्र भी कम लगती है और बुढ़ापा नजर नहीं आता है।

शरीर में लचीलापन : योग आसनो के अभ्यास से शरीर में लचीलापन आने लगता है जो की मांसपेशियों के सही होने की निशानी होता है। शरीर में लचीलापन आने से कई प्रकार के दर्द जैसे मांसपेशियों के दर्द या कमर दर्द होते ही नहीं।

एकाग्रता बनाने में मदद : प्राणायाम की सहायता से एकाग्रता बधाई जा सकती है और इसके परिणाम में अच्छे देखने को मिलते है। इससे याददाश्त भी बढ़ती है और सकारात्मक विचार आते है।

अंतर्ज्ञान बढ़ाये : प्राणायाम करने से अंतर्ज्ञान क शक्ति का अहसास होता है परिणाम स्वरुप किसी प्रकार के फैसले लेने में सकारात्मकता आती है।

निष्कर्ष : योग में विभिन्न प्रणालियों है और उनका उपयोग करके हम बहुत सारे लाभ पा सकते है परन्तु इसके लिए जरुरत के अनुसार किसी अनुभवी योग शिक्षक की सलाह ली जानी चाहिए जो योग आसन और प्राणायाम को सही और सुरक्षित करना बता सके। निश्चित रूप से योग के द्वारा हम मानसिक और शारीरिक लाभ पा सकते है।

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