DIPAWALI PUJA MUHURAT 2023 | दीपावली पूजन मुहूर्त 2023 | अत्यधिक लाभ के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त | लक्ष्मी पूजा की विधि

DIPAWALI PUJA MUHURAT 2023 : दीपावली धन के देवी माँ लक्ष्मी का त्यौहार है, इस दिन माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश, माँ सरस्वती और कुबेर की धूमधाम से पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार माँ लक्ष्मी धन के देवी मानी जाती है, और कुबेर धन के देवता माने जाते है। सुख, समृद्धि धन से ही होती है और धन की देवी माँ लक्ष्मी के प्रसन्न होने से ही व्यक्ति को सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। दीपावली का पर्व माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का पर्व है। अत: माँ लक्ष्मी की पूजा भी विधि विधान से अति शुभ मुहूर्त में की जानी चहिये जिससे की वर्ष भर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। दिवाली 2023 की इस बार रविवार,  12 अक्टूबर को मनाई जाएगी।  तो आइये जानते है आज के इस लेख में दिवाली त्यौहार के बारे में की इस बार दिवाली का शुभ मुहूर्त कब है? दिवाली की पूजा कैसे करनी चाहिए सब कुछ :

DIPAWALI PUJA MUHURAT 2023
DIPAWALI PUJA MUHURAT 2023

दीपावली पूजन के शुभ मुहूर्त : (DIPAWALI PUJA MUHURAT 2023 )

DIPAWALI PUJA MUHURAT 2023 : दिवाली त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करके भगवान लक्ष्मी नारायण के दर्शन से विशेष लाभ मिलता है। दीपावली त्यौहार इस बार 12 अक्टूबर को मनाया जायेगा। माँ लक्ष्मी की  कृपा प्राप्त करने के लिए घर हो या दुकान सभी श्रेष्ठ मुहूर्त में ही पूजा करना चाहते है। ऐसे श्रेष्ठ मुहूर्त में श्री गणेश पूजन, श्री महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, बही खातो का पूजन करे। इसके अलावा बड़े सदस्यों का आशीर्वाद लेवे, सभी को मिठाइयाँ और यथसंभव उपहार देवे।  संभव हो तो इस श्रेष्ठ मुहूर्त में मंदिर इत्यादि में दान भी देवे, ऐसे सभी कार्य श्रेष्ठ माने जाते है।

इस बार पूजा के मुहूर्त इस प्रकार है:

पूजा करने के लिए प्रदोष काल मुहूर्त : शाम 5.15 बजे से 7.40 मिनट तक (प्रदोष काल)

पूजा करने के लिए वृषभ काल मुहूर्त : शाम 5.15 बजे से 7.20 मिनट तक (वृषभ स्थिर लग्न)

पूजा करने के लिए सिंह लग्न का मुहूर्त : रात्रि 12.30 बजे से रात्रि 2:40 बजे तक

लक्ष्मी पूजा कैसे की जाए  :

माँ लक्ष्मी की पूजा किसी श्रेष्ठ ब्राह्मण या पंडित से करायी जाये तो उत्तम है लेकिन सभी के लिए ऐसा संभव नहीं होता। घर में अथवा प्रतिष्ठान में महालक्ष्मी की पूजा स्वयं भी कर सकते है और इसके लिए हम आपको पूजा की पूरी विधि यहाँ बताते है :

पूजन सामग्री की लिस्ट:

पूजन में काम आने वाले सामान इस प्रकार है:

माँ लक्ष्मी-गणेशजी-सरस्वती की फोटो, कलश, जल, नारियल, पान,  अक्षत, चन्दन, अबीर-गुलाल, कुमकुम। मोली कलावा, जनेऊ, सुगन्धित इत्र, खील-बताशे,  मौसम के फल, मिठाइयाँ, धुप अगरबत्ती, दिपक पूजन हेतु, इच्छानुसार कुछ दीपक दीपमाला के लिए, सिक्के पूजन के लिए

महा-लक्ष्मी पूजन कैसे करे?
महा-लक्ष्मी पूजन कैसे करे?

महा-लक्ष्मी पूजन कैसे करे?

दीपावली पर लक्ष्मी जी पूजा निम्नलिखित विधि से करे:

  • पूजा में नए वस्त्र धारण करके बैठे।
  • सबसे पहले शुद्ध जल से स्वयं पर एवं समस्त सामग्री पर छींटे देकर पवित्र कर ले
  • एक थाल में या भूमि या चौकी को शुद्ध करके नवग्रह बनाये। वही पर पूजन हेतु श्री लक्ष्मी जी गणेश जी सरस्वती जी की फोटो अथवा मूर्ति, सोना, चांदी, नकदी रखे।
  • धातु की मूर्ति हो तो दूध दही से स्नान कराये। उसके बाद गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराये।
  • घी का दीपक जलाकर पूजन आरम्भ करे। पूजन में बैठे सभी का तिलक करे। सभी देवताओ को प्रणाम करे।
  • गणेश जी की हाथ जोड़ कर प्रार्थना करे। जल से छींटे देकर स्नान कराये, रोली मोली और जनेऊ चढ़ाये और उसके बाद तिलक आदि करे। उसके बाद गणेश जी को धुप दीप करे, फिर ऋतुफल, मिठाई चढाये, लड्डू हो तो अति उत्तम।  उसके बाद दक्षिणा चढ़ाये और गणेशजी को प्रार्थना करे।

कलश पूजन :

कलश को शुद्ध जल से भरे और उसमे अक्षत सिक्के इत्यादी डाले। कलश ब्रह्मा, बिष्णु, शिव का प्रतीक मन जाता है। इसलिए कलश की भी उपरोक्त विधी से पूजा करे। जल से स्नान करा कर के, चन्दन तिलक करे। कलश पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाये, मोली बांधे। पुष्प इत्यादि से पूजा करके धुप दीप दर्शन कराये और भोग लगा कर नमस्कार करे।

माँ सरस्वती की पूजा :

उपरोक्त विधि से ही माँ सरस्वती की पूजा करे और प्रार्थना करे।

माँ लक्ष्मी की पूजा :

माँ लक्ष्मी का ध्यान करके शुद्ध जल से स्नान कराकर। चन्दन, रोली, मोली से पूजा करे और सिक्के, नकदी  उनके चरणों में रख दे। उसके बाद माँ लक्ष्मी को इत्र, अबीर-गुलाल चढ़ाये।

पुष्प माला चढ़ाकर माँ लक्ष्मी को खील बताशे, मिठाइयों आदि का भोग लगाये और प्रार्थना करे। उसके बाद माँ लक्ष्मी की आरती करे।

आरती के बाद दीपमाला करे।

दीपावली पर दीप क्यों जलाते है?
दीपावली पर दीप क्यों जलाते है?

दीपावली पर दीप क्यों जलाते है? 

DIPAWALI PUJA MUHURAT 2023 : दीपावली त्यौहार पर दीप जलाने का विशेष महत्त्व होता है। चूँकि दीपक का सीधा सम्बन्ध प्रकाश से होता है इसलिए ये माना जाता है की दीपक जलाने का महत्त्व प्रकाश से ही जुड़ा होगा। प्रकाश यानी उर्जा का श्रोत! प्रकाश का महत्व हमारे जीवन में सबसे ज्यादा है। सनातन धर्म में अग्नि का विशेष स्थान है और अग्नि प्रकाश का प्रतिक है। हर प्रकार के अनुष्ठानों में, धार्मिक कार्यों में। यज्ञ में, विवाह में, धार्मिक कर्म में अग्नि के बिना कुछ संपन्न होना संभव नहीं, इसलिए अग्नि का स्थान देवताओ में रखा गया है। शायद इसी महत्व को मान कर प्राचीन काल में ऋषि मुनियों ने दीपावली के दिन दीप जला कर, इस माध्यम से प्रकाश का आह्वान करने का प्रयास किया।

अधंकार से रोशनी की तरफ बढ़ने का त्यौहार:

अंधकार किसी भी रूप में हो शत्रु ही होता है और अगर अज्ञानता का अंधकार हो तो ये सबसे बड़ा शत्रु होता है, दिवाली के दिन इसी अन्धकार को दूर कर ज्ञान रूपी प्रकाश का आह्वान किया जाता है।

ऐसे पावन पर्व पर कोशिश करे की यथासंभव हम ऐसे जरूरतमंद की मदद करे, उसे अंधकार से उजाले की और लेकर जाएं की कोशिश करे जिससे की दीपावली त्यौहार सार्थक बने.

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